इंदौर (Indore)- भारत का सबसे स्वच्छ शहर (Clean City of india)-(2.5 मिलियन जनसंख्या के साथ)
परिचय
भारत में स्वच्छता के मामले में इंदौर शहर ने लगातार कई वर्षों तक शीर्ष स्थान बनाए रखा है। 2.5 मिलियन से भी अधिक की
आबादी वाला यह शहर मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, लेकिन अब यह भारत का सबसे स्वच्छ
शहर होने का गौरव भी प्राप्त कर चुका है। स्वच्छ सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) के अंतर्गत ने अपने साफ-सफाई, कचरा
प्रबंधन और नागरिकों की जागरूकता के कारण यह उपलब्धि हासिल की है। इस ब्लॉक में हम इंदौर के स्वच्छता के पीछे की
रणनीति, प्रमुख संस्थानों की सफाई व्यवस्था और इसकी सफलता के रहस्य को विस्तार से जानेंगे।
इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर बनाने वाले कारक
कचरा प्रबंधन की उन्नत प्रणाली
इंदौर ने अपने कचरा बंधन को पूरी तरह से सुव्यवस्थिति किया है। यहां के नगर निगम (Indore Multiple Corporation -
IMC) ने घर-घर के कचरा एकत्र करने की प्रणाली को अपनाया है, जिसमें:
डोर -टू -डोर बेस्ट कलेक्शन: शहर के हर घर और व्यवसायिक प्रतिष्ठान से कचरा सुबह और शाम को एकत्र किया जाता है।
वेट एंड ड्राई बेस्ट अलगाव: नागरिकों को गिले (जैविक) और सुख (अजैविक) कचरे को अलग-अलग करने के लिए प्रेरित
किया जाता है।
कचरे का वैज्ञानिक निपटान: कचरे को प्रसंस्करण संयंत्रों में भेजा जाता है, जहां इसे खाद, बिजली या अन्य उपयोगी उत्पादों
में बदल जाता है।
सार्वजनिक शौचालय और सुलभ स्वच्छता सुविधा
इंदौर में 10000 से अधिक सार्वजनिक शौचालय (Public Toilets) और यूनिनल बनाए गए हैं, जिनकी नियमित सफाई की
जाती है। इसके अलावा:
पिक टॉयलेट: महिलाओं के लिए विशेष स्वच्छ शौचालय बनाए गए हैं।
स्मार्ट टॉयलेट: कुछ शौचालय में सेंसर आधारित फ्लैश सिस्टम और स्वचालित सफाई तकनीकी का उपयोग किया जाता है।
सड़कों और सार्वजनिक संस्थाओं की स्वच्छता
मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीनें: शहर की सड़कों को रोजाना मशीनों से साथ किया जाता है।
नालियों की सफाई: गंदगी और कचरो को जमा होने से रोकने के लिए नालियों की नियमित सफाई की जाती है।
सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन: पार्क, बस स्टैंड और मार्केट में पर्याप्त संख्या में कचरा पात्र रखे गए हैं।
नागरिकों नागरिक जागरूकता और सहभागिता
स्वच्छता अभियान: IMC ने “My Indore, Clean Indore” जैसे अभियान चलाएं हैं, जिसमें स्कूली बच्चें और स्थानीय
नागरिकों को शामिल किया गया है।
प्लास्टिक बैन: पॉलीथिन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया गया है।
इंदौर के प्रमुख संस्थान और उनकी स्वच्छता
व्यवस्था
राजवाड़ा (Rajwada)
राजवाड़ा इंदौर का ऐतिहासिक केंद्र है, जहां हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं। यहां की स्वच्छता व्यवस्था में शामिल है:
24*7 सफाई स्टाफ
बायो - टॉयलेट्स
स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए हाइजीनिक गाइडलाइन
सराफा बाजार (Sarafa Bazaar)
यह एक प्रसिद्ध ज्वेलरी मार्केट है जो रात में स्ट्रीट फूड जोन में बदल जाता है। यहां:
बायोडिग्रेडेबल प्लेट्स और कटलरी का उपयोग
रोजाना गहरी सफाई
फूड बेस्ट को अलग से एकत्र करना
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के निकटवर्ती क्षेत्र
इंदौर के आसपास के पर्यटन स्थलों को भी स्वच्छ रखा गया है, जैसे:
पिकनिक स्पॉट पर कचरा प्रबंधन
इको-फ्रेंडली टूरिज्म को बढ़ावा
इंदौर की झीलें (पिपलियापाला, बिलावली)
शहर की झीलों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए:
नियमित सफाई अभियान
प्लास्टिक वेस्ट को रोकने के लिए जागरूकता
निष्कर्ष: इंदौर की सफलता का रहस्य
इंदौर ने साबित किया कि अगर प्रशासन और नागरिक मिलकर काम करें, तो किसी भी शहर को स्वच्छ बनाया जा सकता है।
इसकी सफलता के कुछ मुख्य बिंदु है:
कुशल कचरा प्रबंधन
नागरिकों की सहभागिता
तकनीकी का सही उपयोग
सतत निगरानी और सुरक्षा
इंदौर की यात्रा अन्य भारतीय शहरों के लिए एक मिशाल है कि स्वच्छता सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक
जीवनशैली होनी चाहिए।
