लिलिपुट की यात्रा।


 The Favorite Boy🌦: प्रसिद्ध लेखक जॉनेथन स्विफ्ट ने सन् 1726 ने गुलिवर की यात्राएं नामक पुस्तक लिखी थी जिसे संसार भर के बच्चों ने बहुत पसंद किया। इसमें लेमुलस गुलवीर की विचित्र यात्राओं के वर्णन है।गुलवीर लिलीपुट जाता है जहां के निवासी केवल 6 इंच लंबे हैं, जहां के निवासी राक्षसों जैसी लंबाई चौड़ाई वाले हैं वह एक ऐसी जगह पहुंचता है, जहां घोड़े ही पहुंचने की सोच सकते हैं यहां यात्राओं का लिलिपुट वाला अंश दिया जाता है।


लिटिल ओपन जहाज पर मैं कुलबीर सर्जन था जहाज पर नौकरी करते हुए मैंने कई लंबी लंबी यात्राएं की एक बार अचानक तूफान में जहाज फस गया सभी यात्री समुद्र में डूबने लगे सौभाग्य से मैं तैरकर किसी तरह किनारे पहुंचा लहरों ने थपेड़े मार मार कर हमें बहुत थका दिया था इसलिए मैं वहीं जमीन पर सो गया।

[07/11, 12:20 PM] The Favorite Boy🌦: जब मेरी नींद खुली तो मैंने अपने आप को पतले पतले धागों से जकड़ा हुआ पाया।कोशिश करने पर भी मैं उठ ना सका क्योंकि धागों से मेरे हाथ पैर बांध दिए गए थे। मेरे बालों को भी जो लंबे और घने थे, इस तरह से बांधा गया था कि मैं अपना सिर भी ना हिला सकता था।


मैंने अचानक अपने पास एक विचित्र आवाज सुनी फिर मुझे बाय मायर पर कुछ हिलता हुआ सा महसूस हुआ। वह सीने पर से होता हुआ मेरी थोड़ी तक आ गया, मेरे आश्चर्य की सीमा न रही जब मैंने देखा कि मेरी छाती पर

The Favorite Boy🌦: एक छोटा सा आदमी जिसकी ऊंचाई मुश्किल से 6 इंच रही होगी खड़ा हुआ था।कुछ देर बाद उसी जैसे छोटे-छोटे लगभग 40 आदमी मेरे शरीर पर चढ़ा है। उनका नेता हाथ में तीर कमान लिए हुए था ।उसके पीछे उसी के समान छोटे-छोटे कई आदमी और थे।


उन्हें देख कर मुझे इतना आश्चर्य हुआ कि मैं जोर से चिल्ला उठा और मैंने अपने बाएं हाथ को जो डोरियो से बंधा था, खींचा तो कुछ धागे टूट गए और मैं आजाद हो गया।मेरा चिल्लाना था कि वे लोग चीखते चिल्लाते भागे थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे ऊपर तीरों की बौछार की।तीर जो मेरे हाथों और चेहरे पर आकर गिरे,मुझे सुई की भांति चुभे है उसके बाद मैं शांत पड़ा रहा।



मुझे भूख लगने लगी,क्योंकि मैंने कई घंटों से कुछ नहीं खाया था। मैं उन छोटे आदमियों की भाषा नहीं बोल सकता था। फिर बार-बार अपना हाथ मुंह की ओर ले जाकर मैंने इशारा किया ,कि मैं भूखा हूं। मेरा इशारा समझ गए,बस फिर क्या था मेरे मुंह के पास सीढ़ी लगा दी गई और सैकड़ों लोग तो टोकरि यो में खाने का सामान लाकर मेरे मुंह में डालने लगे। जब पानी का इशारा किया तो उन्होंने कई पीपे मेरे मुंह में उड़ेल दिया, उन्हें आश्चर्य हो रहा था कि मेरा पेट या कुआ थोड़ी देर में ही मेरी पलकें भारी हो गई और मैं गहरी नींद में सो गया।


अब वह स्थान जहां मैं सोया पड़ा हुआ था,उस देश के मुख्य नगर से आधा मील दूर था।जब उस छोटे आदमियों के राजा ने जो स्वयं उसकी ही भांति छोटा था। मेरे विषय में सुना तो उसने अपने आदमियों को आदेश दिया, कि वह मुझे शीघ्र ही शहर लाए, यह कोई आसान कार्य नहीं था परंतु वे इस प्रबंध करने के लिए काफी चतुर थे।


उन्होंने मुझे ले जाने के लिए एक लंबी गाड़ी बनाई।यह 3 इंच ऊंची थी, और इसमें 22 पहिए थे। जब मैं सोया हुआ था तो उनके सर्वाधिक शक्तिशाली 900 आदमियों ने मुझे उस गाड़ी पर बाधा और राजा के 1500 सर्वश्रेष्ठ घोड़ा ने खींचा।


जब वे रास्ते में थे,दो-तीन सिपाही जो यह देखना चाहते थे। कि मैं सोई हुई अवस्था में कैसा दिखाई देता हूं। मेरे चेहरे पर चढ़ गए, उनमें से एक ने अपना भाला मेरी नाक के अंदर दे दिया या मुझे भूसे के तिनके के समान चुभा और मुझे इतनी जोर से छिख आई कि मैं जाग गया दोनों सिपाही डर कर भाग गए।


अगले दिन यात्रा समाप्त हुई और मुझे नगर में लाया गया। जब उन लोगों ने यह जान लिया कि मैं उनमें से किसी को भी हानि नहीं पहुंचाना चाहता हूं, तो उन्होंने मेरी रस्सियां खोल दी,और मुझे खड़ा होने दिया परंतु उन्होंने सावधानी के लिए मेरे बाएं पैर को 90 जंजीरों में बांध दिया ताकि मैं भाग ना सकूं।


राजा रानी और हजारों नागरिक मुझे देखने के लिए आए, उनमें से अधिकांश ने मेरे साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार किया। परंतु कुछ ने मेरे ऊपर तीर भी छोड़ें इन शैतानों में से छह को मैंने पकड़ लिया। उनमें से पांच को मैंने जेब में रख लिया, और छठे को मैंने जीवित ही खाने का बहाना किया परंतु वह कैदी इतने जोर से चिल्लाए कि मैंने उसे तथा पांचों साथियों को मुक्त कर दिया। 


The Favorite Boy🌦: मैं उन छोटे आदमियों के बीच आनंद पूर्वक रहा।उन्होंने मेरा भोजन बनाने के लिए ₹300 रसोईया और मेरा सूट सिलवाने सिलने के लिए 300 से दर्जी लगा दिए,राजा के 6 सबसे बुद्धिमान विद्वानों ने मुझे इस देश की भाषा सिखाई।


कुछ महीनों बाद कुछ लोग राजा से मेरी शिकायत करने लगे।


उन्होंने राजा से कहा- इस विशालकाय लालची आदमी से छुटकारा पाना चाहिए नहीं तो यह हमारा सारा भोजन खा जाएगा। हमें उसे प्रतिदिन कुछ कम भोजन देना चाहिए ताकि वह दुबला हो जाए और भूखों मर जाए।


जब मुझे उनकी इस योजना के बारे में पता चला, तो मुझे बहुत दुख हुआ और मुझे अपने घर जाने की इच्छा होने लगी।


एक दिन मैंने बादशाह से अपनी मुक्ति के लिए प्रार्थना कि। मुझे इन शर्तों पर मुक्त करना स्वीकार किया गया कि मैं बादशाह की आज्ञा के बिना कहीं आ जा नहीं सकूंगा और किसी देश से युद्ध छिड़ जाने पर मैं लिलीपुट वासियों की सहायता करूंगा।


कुछ दिनों बाद मुझे ज्ञात हुआ कि पड़ोसी देश ब्लेफुस्को को के बादशाह ने एक शक्तिशाली जहाजी बेड़ा तैयार कर लिया है।वह लिलिपुट पर चढ़ाई करने का अवसर देख रहा था। मैंने उन लोगों की सहायता करने की योजना बनाई कुछ कांटे लेकर मैं ब्लू फुस्को को की खाड़ी की ओर चल दिया या खड़ी मेरे लिए विशेष गहरी न थी पर उन लोगों के लिए तो या महासागर से कम न थी। मैंने खाड़ी में घुसकर सब जहाजों को कांटों से फंसा दिया और उन्हें खींचता हुआ लिलिपुट की ओर चल दिया।


ब्ले फुसको के सैनिक मेरे ऊपर तीर बरसाने लगे पर चश्मे और चमड़े की कोर्ट के कारण उनके तीर मेरे कुछ नहीं बिगाड़ सके।


बले फूस्को को के जहाजों को खींचकर जो मैंने लिलिपुट की खाड़ी में ले गया, तो वहां के बादशाह और लोगों ने प्रसन्नता से उछल उछल कर मेरा स्वागत किया। मेरी आवाज लगाई लिलीपुट के राजा जय!


सारी प्रजा ने एक स्वर में कहा- लिलीपुट के राजा की जय?


कुछ दिन बाद मैंने राजा से आज्ञा मांगी।राजा ने कहां। एक दिन मैं लिलिपुट खाड़ी के किनारे घूमता घूमता है दूर जा निकला।


वह मुझे पानी में एक तख्ता तैरता दिखाई दिया। ध्यान से देखने पर ज्ञात हुआ कि वह एक उल्टी नाव थी उसे देखकर मैं खुशी से नाच उठा, वह नाव मेरी आशाओं की ज्योति थी।


कुछ दिनों बाद मेरे लिए बादशाह ने बहुत सी भोजन सामग्री। मेरी नाव पर ल दवा दी। 100 भाग से रास्ते में एक जहां दिखाई दिया। हम देख मेरी प्रसन्नता का कोई ठिकाना ना रहा, की जगह मेरे ही देश का था। जहाज के नाविकों ने मुझे ऊपर ले लिया।


Note-दोस्तों इससे शिक्षा मिलती है कि हम अगर कहीं मुसीबत में फंस जाए तो हमको कभी भी हार नहीं माननी चाहिए वहां से निकलने का रास्ता ढूंढना चाहिए।

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