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आओ,उसको प्रणाम करें.....

आओ,उसको प्रणाम करें..... जिसने सूरज, चांद बनाकर,  सबसे सुंदर धरा बनाई।  रंग बिरंगे फूल खिलाए,  फिर खुशबू महे…

जीवन जीने की कला।

शिक्षा से यह अपेक्षा है कि विद्यार्थी जीवन जीने की कला सीखे बालक,बालिका हमें पर लिखकर सुंदर स्वस्थ बने। इ…

देश के लिए!

लाहौर में क्रांतिकारियों की बैठक थी लाहौर में सुखदेव का घर था वहां की बैठक की संपूर्ण व्यवस्था सुखदेव ने की थ…

आंखे अमूल्य है !

हमारे शरीर में आंखों का स्थान उतना ही महत्वपूर्ण है ,जितना कि सौर मंडल में भगवान सूर्यनारायण का रोशनी से आंख…

सोच बदलो जिंदगी बदल जायेगी।

*ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी!* एक दिन एक किसान का बैल कुएँ में गिर गया।  वह बैल घंटों ज़ोर -ज़ोर से र…

दांतों की सुरक्षा।

दांतों की सुरक्षा। बच्चों का परीक्षा परिणाम आ गया था। गर्मियों की छुट्टियां आरंभ हो गई थी। अर्चित,शुभी और …

आ जा तितली।(कविता)

आ जा तितली। मुंह बरसाने वाला है, खिड़की में तू आजा तितली! बाहर जब पर होंगे गीले, धुल जाएंगे रंग सजीले, झड़ ज…

चरवाहे का बचपन(कविता)

चरवाहे का बचपन जब कुछ होश संभाला मैंने, अपने को वन में पाया। हरि भूमि पर कहीं धूप थी, और कहीं गहरी छाया।  एक…

हीरा का क्या करोगे?

महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में काटलुक गांव में 1 प्राथमिक विद्यालय था। कक्षा चल रही थी। अध्यापक ने बच्चों …

पेड़ नहीं काटूगा।

एक गांव में एक ग़रीब किसान रहता था। उसका नाम मोहन था। 1 दिन मोहन खेत से घर लौटा। घर लौटा तो उसकी पत्नी बोली …

ज्ञान की पहचान।

एक गांव में बंटी नाम का एक लड़का रहता था। उसका मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था जब भी उसकी मां उससे पढ़ने …

अब्राहम लिंकन।

हमारे देश भारत की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका एक विशाल देश है। जिस देश को आगे बढ़ाने वालों में जिस महापुरुष का…

सच्चा भक्त।

स्वर्ग में एक सोने के महल का निर्माण हो रहा था। नारद जी की दृष्टि उस पर पड़ी।वे भगवान विष्णु के पास पहुंचे औ…

संगठन का महत्व।

एक आदमी था, जो हमेशा अपने संगठन में सक्रिय रहता था,  उसको सभी जानते थे ,बड़ा मान सम्मान मिलता था; अचान…

मानवता के अंकुर।

एक बार रूम का राजा एक भीषण रोग से पीड़ित हो गया। उस समय देश विदेश के प्रख्यात एवं निपुण चिकित्सक राजा के दरब…

गुस्से की कहानी।

यह कहानी है एक छोटे से बच्चे की, जिसे बहुत गुस्सा आता था। जब उसे गुस्सा आता था। तो वह किसी की नहीं सुनती थी,…

स्वामी विवेकानंद।

आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व की बात है।काशी नगर का एक उज्जवल प्रभात था। अभी तक सूर्योदय नहीं हुआ था।धर्म और संस…

राष्ट्रीय त्योहार।

खिल उठी कली कली,  नया विकास छा गया।  स्वतंत्रता दिवस की ज्योति लिए,  नया प्रभात आ गया।  द्वार द्वार सज गए,  …

मेरा बचपन।

मुझे याद नहीं आता कि मैंने कभी किसी शिक्षक या किसी सहपाठी लड़के से कोई झूठ बोला हो। मै बहुत ही संकोची स्वभाव…

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