Bhopal City | Capital of Madhya | Pradesh city of lekh| भोपाल: झीलों के नगरी और मध्य प्रदेश की राजधानी
भूमिका
भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
इसे “झीलों की नगरी” कहा जाता है। क्योंकि यहां अनेक सुंदर झीलें हैं, जिसमें भोजताल (बड़ा तालाब) और छोटा तालाब
प्रमुख है। भोपाल एक ऐसा शहर है जहां प्राचीन इतिहास और आधुनिक विकास का आदर्श सामंजस्य देखने को मिलता है।
यह शहर न केवल प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है बल्कि शिक्षा, पर्यटन और संस्कृति का भी महत्वपूर्ण
केंद्र हैं।
इस ब्लॉक में हम भोपाल के इतिहास, भूगोल, पर्यटन स्थलों, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण पहेलियो पर
विस्तार से चर्चा करेंगे।।
भोपाल का इतिहास
प्राचीन काल भोपाल का इतिहास हजारों साल पुराना है। ऐसा माना जाता है कि इस शहर की स्थापना राजा भोज ने 11वीं
शताब्दी में की थी। राजा भोज ने ही भोजताल (बड़ा ताल) का निर्माण करवाया था, जो आज भी शहर की पहचान है।
मध्यकालीन युग
मध्यकाल में भोपाल पर मुगलों और मराठों का शासन रहा। 18वीं शताब्दी में यहां नवाबों का शासन स्थापित हुआ। दोस्त
मोहम्मद खान ने भोपाल रियासत की नींव रखी और यहां एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।
नवाबों का शासन
भोपाल रियासत पर 1819 से 1926 तक चार महिला नवाबों (बेगमों) ने शासन किया, इसमें कुदसिया बेगम, सिकंदर बेगम,
शाहजहां बेगम, और सुल्तान जहां बेगम प्रमुख थी। इन बेगमों ने शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, इसमें शिक्षा,
स्वास्थ्य और आधारभूत संरचनाओं शामिल हैं।
आजादी के बाद
1947 में भारत की आजादी के बाद, भोपाल रियासत का भारत में विलय हुआ। 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के साथ ही
भोपाल को राज्य की राजधानी घोषित किया गया है।
भोपाल गैस त्रासदी (1984)
भोपाल का इतिहासके काले अध्याय से जुड़ा हुआ है। 2-3 दिसंबर 1984 की रात, यूनियन कार्बाइड कारखाने में जहरीली
गैस मिथाइल आइसोसायनेट का रिसाव हुआ (MIC), जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग प्रभावित हुए। यह दुनिया की सबसे भीषण और योद्योगिक त्रसदियों में से एक है, जिसकी छाया भोपाल पर देखी जा सकती है।
भोपाल का भूगोल और जलवायु
स्थान और विस्तार
भोपाल मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यह विंध्याचल सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा हुआ है। समुद्र तल से इसकी
ऊंचाई 500 मीटर है।
झीलें
भोपाल को “झीलों की नगरी” कहा जाता है। यहां की प्रमुख झीलें हैं:
भोजताल (बड़ा ताल): राजा भोज द्वारा निर्मित यह एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है।
छोटा तालाब: यह एक सुंदर झील है जिसके किनारे कई पार्क और आकर्षक स्थल हैं।
शाहपुरा झील: एक और लोकप्रिय झील, जो पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है।
जलवायु
भोपाल की जलवायु उष्णकटिबंधीय है।
गर्मी (मार्च- जून): तापमान 25 डिग्री सेंटीग्रेड से 45 डिग्री सेंटीग्रेड तक जाता है।
मानसून (जुलाई - सितंबर ): यहां औसत वर्षा होती है।
सर्दी (नवंबर- फरवरी): तापमान 8 डिग्री सेंटीग्रेड से 25 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहता है, जो पर्यटन के लिए आदर्श है।
भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थल
ताज उल मस्जिद
यह एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसका निर्माण सुल्तान जहां बेगम ने करवाया था। इसकी भव्य गुंबद और
मीनारें इसे एक अद्वितीय स्थापत्य सौंदर्य प्रदान करती हैं।
भोजपुर मंदिर
यह 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा बनवाया गया एक अधूरा शिव मंदिर है। यहां विशाल शिवलिंग स्थापित है, जो अपनी
विशालता के लिए प्रसिद्ध है।
भीमबेटका की गुफाएं
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, भीमबेटका की गुफाएं प्रागोतीहासिक काल के शैल चित्रों में से एक है। यह स्थान भोपाल से
लगभग 45 किलोमीटर दूर है।
वन विभाग राष्ट्रीय उद्यान
एक और जूलॉजिकल पार्क है यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव देखे जा सकते हैं। यह शहर के बीच में स्थित है और प्रकृति
प्रेमियों के लिए आदर्श स्थान है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय
यह एशिया का सबसे बड़ा मानव विज्ञान संग्रहालय है, जहां भारत की विविध जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया गया हैं।
सांची स्तूप
भोपाल से 46 किलोमीटर दूर सांची बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है। यहां का महान स्तूप सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था और
यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं।
गोहर महल
इस ऐतिहासिक महल का निर्माण खुदसिया बेगम ने करवाया था। यह भोपाल के प्राचीन वास्तु कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण
है।।
भोपाल की संस्कृति और भोजन
भोपाल की संस्कृति हिंदी - मुस्लिम सब भारत का अनूठा उदाहरण है। यहां गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, ईद, दिवाली और
होली जैसे त्यौहार बड़े उत्साह से बनाए जाते हैं।
भोजन
भोपाल का खाना अपने मुगलई और नवाबी स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं:
भोपाली पास-पास (नमकीन)
रोगन जोश (मुगलई करी)
बिरयानी
कोरमा
शाही टुकड़ा (मिठाई)
भोपाल के अर्थव्यवस्था
भोपाल मध्य प्रदेश का मुख्य आर्थिक केंद्र है। यहां सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग और पर्यटन मुख्य आर्थिक
स्रोत हैं।
प्रमुख उद्योग
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
भोपाल गैस पीड़ितों के लिए चिकित्सा और शोध केंद्र
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र
शिक्षा के केंद्र
भोपाल कई प्रशिक्षित शैक्षणिक संस्थाओं का घर है, जैसे:
भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM)
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT)
भोपाल विश्वविद्यालय।
निष्कर्ष
भोपाल एक ऐसा शहर है जहां इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का आधुनिक मेल है। यह न केवल मध्य प्रदेश की
राजधानी है बल्कि एक प्रमुख पर्यटन, शिक्षा और आर्थिक केंद्र भी है। भोपाल की झीलें, ऐतिहासिक इमारतें और स्वादिष्ट
व्यंजन इसे एक यादगार शहर बनाते हैं।
अगर आप कभी मध्य प्रदेश आए, तो भोपाल की सैर जरूर करें - यह सैर आपको अपने इतिहास और संस्कृति में
अवश्य मंत्र मुक्त कर देग।।
