भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसमें 28 राज्य 8 संघ शासनिक प्रदेश (Union Territories)शामिल है।
भारतीय संविधान के अनुसार राज्य और संघ के शासित प्रदेशों के बीच कई अंतर होते हैं, जो उनके शासन, प्रशासन और
अधिकारों को लेकर स्पष्ट होते हैं। इस लेख में हम यह जानेंगे कि राज्य और संघ शासन प्रदेश में क्या अंतर होता है और किस
ज्यादा अधिकार प्राप्त होते हैं।
राज और संघ शासित प्रदेश:मूल अंतर
राज्य (State)
राज्य भारतीय संघ की मूल इकाई होते हैं। प्रत्येक राज्य का अपना अलग संविधान होता है, जो उसे स्वतंत्रता प्रदान करता है।
राज्यों को अपनी सरकार चुनने, कानून बनाने और प्रशासन चलाने का अधिकार होता हैं। राज्यों की सरकारे केंद्र सरकार के
अलग होती है, लेकिन वे संविधान के दायरे में काम करते हैं।
संघ प्रशासित प्रदेश(Union territory)
प्रशासन संघ शासित प्रदेश केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में होते हैं। इनका प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त एवं प्रशासक द्वारा
(administrator) लेफ्टिनेंट गवर्नर (lieutenant governor) द्वारा किया जाता है। संघ शासित प्रदेशों को राज्यों की तुलना में
कम स्वयातत्ता प्राप्त होती है, और उनके पास कानून बनाने और प्रशासन चलाने की सीमित शक्तियां होती है।
भारत में परिवर्तन में निम्नलिखित केंद्र शासित क्षेत्र हैं
दिल्ली - यह भारत का राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश भी है।
अंडमान निकोबार दीप समूह
चंडीगढ़
दादा रामनगर हवेली एवं दमन और दीव - 26 नवंबर 2019 को घोषित और 26 जनवरी 2020 में प्रभावी।
लक्षद्वीप
पुडुचेरी
जम्मू और कश्मीर - 5 अगस्त 2019 को घोषित और 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी
लद्दाख - 5 अगस्त 2019 को घोषित और 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी।
रिजल्ट
राज्य और संघ शासित प्रदेशों के बीच अंतर स्पष्ट है। राज्यों को संघ शासित प्रदेशों की तुलना में ज्यादा अधिकार और
स्वायतता प्राप्त होती है। राज्यों में स्वशासन कानून बनाने की शक्ति वित्तीय स्वायत्तता और न्यायिक स्वतंत्रता होती है, जबकि
संघ शासित प्रदेशों का प्रशासन केंद्र सरकार के नियंत्रण में होता है और उनकी शक्तियां सीमित होती है। यह अंतर भारतीय
संविधान और देश की विविधपूर्ण परिस्थितियों को ध्यान में र