सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस,जिन्हें नेताजी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी नेता थे।उन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया।उनके देशभक्ति,नेतृत्व कौशल और साहस ने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अद्वितीय नायक बना दिया।
प्रारंभिक जीवन
सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1847 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक प्रतिष्ठित वकील थे और उनकी माता प्रभादेवी एक धार्मिक महिला थी। बोस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कटक के रेवेशा कॉलेजिएट में पूरी की। इसके बाद उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक किया और आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। वहां उन्होंने सिविल सेवा (ICS) की परीक्षा पास की। लेकिन देश की सेवा करने के उद्देश्य से उन्होंने इसे छोड़ दिया।स्वतंत्रता संग्राम में योगदान सुभाष चंद्र बोस शुरू से ही महात्मा गांधी जी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़े। हालांकि उनका दृष्टिकोण गांधी जी के अहिंसा आत्मक आंदोलन से अलग था।उनका मानना था कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए सशस्त्र संघर्ष आवश्यक है।
1938 में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 1939 में गांधी जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ विचारों के मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और "फॉरवर्ड ब्लॉक" नामक एक नया आंदोलन बनाया।
आजाद हिंद फौज का गठन
सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान और जर्मनी की मदद से आजाद हिंद फौज का गठन किया। उन्होंने "दिल्ली चलो" और "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा"जैसे नारों से स्वतंत्रता सेनानियों में जोश भर दिया। उनकी फौज में ब्रिटिश सेवा के खिलाफ कई युद्ध लड़े और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नया महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मृत्यु
सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है। 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु की खबर आई थी लेकिन इसके प्रमाण आज तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं उनकी मृत्यु से जुड़े रहस्य ने उन्हें भारतीय इतिहास का एक ऐसा किरदार बना दिया है, जिसकी कहानी अधूरी प्रतीत होती है।
सुभाष चंद्र बोस के विचार
1 देश भक्ति: बोस ने हमेशा अपने देश को सर्वोपरि माना और उनके लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
2 सशस्त्र संघर्ष: उनका मानना था कि आजादी केवल बातों से नहीं,बल्कि संघर्ष और बलिदान से प्राप्त की जा सकती है।
3 एकता का संदेश: उन्होंने जाति धर्म और क्षेत्र से ऊपर उठकर भारतीयों को एकजुट होने का संदेश दिया।
निष्कर्ष
सुभाष चंद्र बोस न केवल एक महान नेता थे, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरणा स्रोत भी हैं।उनका साहस, त्याग और देशभक्ति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।भारत की आजादी में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
जय हिंद : उनका दिया हुआ यह नारा आज भी भारतीयों के दिल में जोश भर देता है।