एलएलबी के बाद करियर: विकल्प विस्तृत मार्गदर्शन
एलएलबी (बैचलर ऑफ लॉ) की डिग्री पूरी करने के बाद कानून के क्षेत्र में करियर के कई रोमांचक विकल्प उपलब्ध होते हैं।
भारत में कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नौकरी के अवसर न केवल कोर्ट और लीगल फॉर्म तक सीमित है, बल्कि
कॉरपोरेट सेक्टर, सरकारी नौकरी, लीगल कंसल्टेंसी और अन्य क्षेत्र भी में भी विस्तृत है। यहां ब्लॉक एलएलबी के बाद उपलब्ध
विभिन्न करियर विकल्प के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा।
एडवोकेट बनकर प्रैक्टिस (वकालत)
एलएलबी के बाद पारंपरिक और प्रचलित कार्य विकल्प वकालत (Advocate) है। इसके लिए आपको भारत के किसी भी राज्य
की बार काउंसलिंग (Bar Council) में रजिस्ट्रेशन करना होगा।
वकालत के प्रकार:
सिविल लॉयर: संपत्ति, विवाह, अनुबंध, टैक्स आदि से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता।
क्रिमिनल लॉयर: अपराधिक मामलों में बचाव या अभियोजन पक्ष की तरफ से केस लड़ना।
कॉर्पोरेट लॉयर: कंपनियों के कानूनी मामलों, विलय, अधिग्रहण आदि सलाह देना।
फैमिली लॉयर: तलाक, गोद लेना, संरक्षित जैसे पारिवारिक मामलों में विशेषज्ञता।
आए और संभावनाएं:
शुरुआत में ₹10000 से ₹30000 प्रतिमाह, लेकिन अनुभव बढ़ाने के बाद लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकीलों की कमाई काफी अधिक होती है।
जज (न्यायाधीश) बनने का रास्ता
एलएलबी के बाद न्यायिक सेवा में जाने का विकल्प उपलब्ध है। इसके लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित न्यायिक
परीक्षा पास करनी होती है।
पात्रता
एलएलबी डिग्री (55% अंक आवश्यक)
आयु सीमा: 21 से 35 वर्ष (आरक्षण के लिए छूट मिलती है)।
पद और वेतन
सिविल जज (जूनियर डिवीजन): ₹50000 से 100000 प्रतिमाह।
डिस्ट्रिक्ट जज: ₹150000 - ₹ 250000 प्रतिमाह
हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट जज: ₹250000+ प्रतिमाह।
निष्कर्ष
एलएलबी के बाद करियर के विकल्प बहुत विविध हैं। आप चाहे तो कोर्ट में प्रैक्टिस करें, कॉरपोरेट सेक्टर में जाएं, सरकारी
नौकरी करें या फिर शिक्षक के क्षेत्र में अपना योगदान दें। सही मार्गदर्शन और मेहनत से आप कानून के क्षेत्र में एक सफल
करियर बना सकते हैं।
कुंजी सलाह:
नेटवर्किंग और इंटर्नशिप पर ध्यान दें।
विशेषज्ञ (स्पेशलाइजेशन) के लिए या डिप्लोमा करें।
बार काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं।