आ जा तितली।
मुंह बरसाने वाला है,
खिड़की में तू आजा तितली!
बाहर जब पर होंगे गीले,
धुल जाएंगे रंग सजीले,
झड़ जाएगा फूल, ना तुझको
बचा सकेगा छोटी तितली!
खिड़की में तू आजा तितली!
नन्हे तुझे पकड़ पाएगा,
डिब्बी में रख ले जाएगा,
फिर किताब में चिपकाएगा।
मर जाएगी तब तू तितली!
खिड़की में तू आ जा तितली!
मेह बरसाने वाला है,
खिड़की में तू आ जा तितली!
महादेवी वर्मा