हे वीर पुत्र !अभियान करो।
हे वीर पुत्र! अभियान करो
गरज रहा गंगा का पानी,
यमुना में है हलचल, तूफानी,
शस्य श्यामला भारत मां
झुलस रहा हैं आंचल धानी,
मिटे कुहासा दिनकर चमके,
इस भांति लक्ष्य संधान करो
हे वीर पुत्र! अभियान करो
मनोबल युग का गिरे नहीं
मनोबल चलो उठाते चलो
इसी से करें सृजन नियुक्त का
धरती को स्वर्ग बनाते चलो
ए वीर पुत्र!अभियान करो।