कहानी होशियारी की।


 एक बार की बात है एक किसान के 2 पुत्र थे लेकिन वह अपनी सारी जमीन जायदाद एक पुत्र को देना चाहता था जो उन दोनों में होशियार, बुद्धिमान था एक दिन शाम को किसान ने अपने दोनों पुत्रों को बुलाया और अपने बड़े बेटे को ₹1 तथा दूसरे बेटे को भी ₹1 दिया। और कहां कि आप लोग सुबह अलग-अलग बाजार जाएंगे और ₹1 में ऐसी वस्तु लेकर आएंगे जिससे पूरा घर भर जाए तो एक लड़का बहुत सोचने के बाद उसे कुछ मिला ही नहीं तो वो लौट रहा था रास्ते में उसे एक घास से भरी हुई ट्राली दिखी तो उसने पूछा भाई साहब कितने की है तो व्यापारी ने कहा एक रुपए की तो उस लड़के ने वह घास से भरी ट्राली घर में ले आया अब पूरे घर को भर दिया और पिता जी से कहा कि मैंने अपना काम कर दिया मैं पूरी जायदाद का मालिक हूं इस पर उसके पिताजी ने कहा कि अपने भाई को भी आने दो फिर हम सारी जायदाद आपके नाम कर देंगे दूसरा लड़का भी बाजार गया था उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था तभी उसने बाजार में मोमबत्ती जलती हुई देखी फिर उसके दिमाग में आया कि एक रुपए कि मैं मोमबत्ती खरीद लेता हूं और उसने वह मोमबत्ती खरीद ली और घर पर आकर जला दी जिससे पूरा घर प्रकाश से जगमग आ उठा और पूरा घर भर गया। उसकी बुद्धि और सूझबूझ देखकर उसके पिता ने सारी अपनी जायदाद उस बेटे का नाम कर दी जिसने प्रकाश शेखर भर दिया।

दोस्तों इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है कि दुनिया में प्रकाश की बहुत महत्व है अगर आप किसी की जिंदगी में प्रकाश ला सकते हैं तो आप बहुत महान व्यक्ति हैं।

By-Akash Bhatia.

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