आलस्य की कहानी।


 एक समय की बात है एक गांव में बाढ़ आ जाती है जिससे सारे लोग और सारे घर डूबने लगते हैं तो गांव के सारे लोग कहां से गांव छोड़कर भागने लगते हैं जिससे कि बाढ़ से बचा जा सके और दूसरे स्थान पर रहने लगते हैं लेकिन उसमें एक व्यक्ति ऐसा भी होता है जो अपनी छत पर बैठ रहता है धीरे-धीरे पानी बढ़ने लगता है और उसकी छत तक आ जाता है तो देखता है थोड़ी देर बाद एक नाव आती हैं उसे बचाने के लिए,वो लोग कहते हैं इस पर बैठ जाओ और यहां से बाहर निकल लो जिससे आप बच जाओगे लेकिन वह व्यक्ति कहता है कि मेरा भगवान बचाएगा तो नाव में सवार लोग उस व्यक्ति को वहीं छोड़ देते हैं तो थोड़ी देर बाद बाढ़ का पानी और बढ़ने लगता है वह व्यक्ति खड़ा हो जाता है अपनी छत पर और बाढ़ का पानी इतना हो जाता है कि उसके गले तक आ जाता है। थोड़ी देर बाद एक हेलीकॉप्टर आता है और वह उसे रस्सी फेकता है और कहता है कि आप रस्सी पकड़ लो और ऊपर आ जाओ, जिस से आप बच जाओगे लेकिन वो व्यक्ति कहता है कि नहीं मेरा भगवान मुझे बचाने आएगा। थोड़ी देर में पानी और बढ़ जाता जिसका वह डूब जाता है।

फिर वह व्यक्ति जो भगवान के पास पहुंचता है तबा भगवान से पूछता है कि भगवान आपने मुझे बचाया क्यों नहीं तो भगवान उसे एक जोर से थप्पड़ मारते हैं और कहते हैं की जो नाव भेजी थी वह किसने भेजी थी और जो हेलीकॉप्टर भेजा था वो किसने किसने भेजा था।

शिक्षा-इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि भगवान हमारी सहायता कर सकते हैं लेकिन हमें कार्य तो अपने हाथों से ही करना पड़ेगा। आपको ही मेहनत करनी पड़ेगी जिससे हम सफलता प्राप्त करेंगे और कोई दूसरा उपाय नहीं है भगवान तभी मदद करते हैं जब आप ख़ुद की मदद करने के लिए तैयार हो।

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