हमारे शरीर में आंखों का स्थान उतना ही महत्वपूर्ण है ,जितना कि सौर मंडल में भगवान सूर्यनारायण का रोशनी से आंखें जीवन को रोशनी से भर देती हैं।
हम अपने आहार बिहार की प्रगति एक भी अनुकूल ठीक रखें तथा कुछ साधारण सी बातों का ध्यान रखें हमारी आंखें जीवन भर स्वस्थ रह सकती हैं।
सुरक्षा
- बहुत तेज रोशनी में ना पढ़े।
- तेज रोशनी की तरफ ना देखें।
- लेट कर पढ़ाई ना करें।
- दूरदर्शन दूर से ही देखें और लगातार ना देखें इसमें देखने की क्षमता कम हो जाती है और आंखों के असाध्य रोग होने की संभावना उत्पन्न हो जाती है।
- पढ़ाई लिखाई टीवी देखते समय तेजा एकदम या कम प्रकाश नहीं होना चाहिए।
- ग्रहण के समय सूर्य चंद्रमा को ना देखें।
- अधिक मात्रा में तली हुई वस्तु या ना खाएं।
- भोजन में हरी सब्जियां काजल पत्तागोभी तक दूध दूध मक्खन अवश्य होना चाहिए ताकि आंखों के लिए आवश्यक विटामिन मिलती होती रहे।गाजर, टमाटर, पपीता ,पालक ,विटामिन ए की मात्रा अधिक होती है इन्हें सलाद के रूप में लेना चाहिए।
नेत्र स्नान व्यायाम और विश्राम
निरोगी शरीर के लिए स्नान व्यायाम और विश्राम जरूरी है। उसी तरह निरोग आंखों के लिए स्नान आदि जरूरी है। जो मनुष्य ठंडा पानी भर कर प्रातः, दोपहर तथा शाम को आंखों को स्वच्छ जल के छींटे मारते हैं उसे आंखों के रोग नहीं होते हैं लगातार अधिक देर तक काम और पढ़ाई करने वालों को बीच-बीच में ठंडे पानी से आंखों को धो लेना चाहिए इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं और उनकी थकान तत्काल दूर हो जाती है इसी तरह किसी चौड़े बर्तन में पानी भरकर उसने आंखों को डुबोकर खोलने, बंद करने से आंखें स्वस्थ रहती हैं।
आंखों के व्यायाम
- उगते सूर्य को 5-10 मिनट तक रुक रुक कर लगातार खुली आंखों से देखे।
- गर्दन को सीधी रखकर आंखों से दाएं बाएं ऊपर नीचे देखें।
- रात को सोते समय तेल में भीगी उगली से नाक में तेल लगाएं आचार्य चरक के अनुसार इसमें आंख कान नाक के रोग नहीं होते और सिर दर्द और दुकान से आराम मिलता है।
पलकें झपकती है,क्यों?
आंखों की सफाई और सुरक्षा के लिए कल के खुलते और बंद होते हैं पलके झुका लेने की क्रिया 1 सेकंड के दसवें हिस्से से भी कम समय में हो जाती है इतने कम समय में पलकें शुक्र कर हमारी आंखों को आंसुओं से कर कर देती हैं यह आंसू आंखों में जमा कचरे को साफ करते हैं और उसे नाम रखते हैं 1 मिनट में हम लगभग 15 बार झपकते हैं।
आंसू जरूरी है,आंखों के लिए-
हमारी आंख में ऊपर की पलक के पीछे अश्रु ग्रंथि होती है इसी ग्रंथि से आंसू निकल कर आंखों में नमी पहुंचाते हैं आंसुओं का खास काम है आंखों को नम रखना ताकि गति ठीक से होती रहे धूल धूल और विदेशी कणों को हटाकर आंखों की साफ सफाई करना भी आंसुओं का काम है इसीलिए जब भी आंखों में कोई बाहरी वस्तु या कीटाणु प्रवेश करते हैं तो रक्षा करने के लिए आंसू तुरंत बहने लगते हैं पलकों की झुकाने से आंखों की सत्ता पर आंसू की एक पतली परत बन जाती है जिसमें चिपक कर धूल आदि के कड़ वहां से हटा दिए जाते हैं।
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