वीर बालक अर्जुन सिंह


 उत्तराखंड की पहाड़ियों के बीच टिहरी गढ़वाल के माल गांव बाद यार के छोटे से घर में एक बालक और उसकी मां प्रतिदिन की भांति अपने नित्य कार्य में व्यस्त थे मां जानवरों को चारा देने की तैयारी में लगी थी तभी अचानक उन्हें आवाज सुनाई दी उसने पीछे मुड़कर देखा, तो नीम के पेड़ के पीछे एक शेर दिखाई दिया।

शेर को देखकर बात तेजी से चीखी की और बेहोश हो गई मां विक्रमा देवी की आवाज सुनकर उनका 16 वर्षीय बेटा अर्जुन सिंह जो अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में पूरे जोश के साथ लगा था घर से बाहर की ओर तेजी से दौड़ा और देखा कि उसकी मां बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी है कुछ दूर पर शेर खड़ा है, यह देख उसे सारी बात समझ में आ गई।

बालक अर्जुन जो अभी मात्र 16 वर्ष का था उसने साहस का परिचय देते हुए घर से एक लाठी लेकर अपनी मां की रक्षा के लिए शेर पर टूट पड़ा उसमें शेर के सिर पर एक प्रहार किया जिससे शेर कुछ कदम पीछे हट गया परंतु वह क्रोध में और भी अधिक डरावनी आवाजें निकालने लगा बालक अर्जुन और चौकन्ना हो गया और समझ गया कि या फिर उस पर हमला कर सकता है वह भी वैसा ही शेर ने अर्जुन पर हमला बोल दिया और अर्जुन के एक पैर को अपने पंजे से घायल भी कर दिया। लेकिन वह अंत तक डटा रहा और अपनी मां को वहां से धीरे-धीरे घर के अंदर लाने में सफल हो गया।

नोट - दोस्तो हमको कभी भी कैसी भी परिस्थिति से घबरना नहीं चाहिए बल्कि उनका सामना करना चाहिए।

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